महराजगंज जिले में हर माह दहेज कि बलि चढ़ रही दो बेटियां
-पिछले 31 माह में सामने आए दहेज हत्या के 58 मामले
-शादी के एक वर्ष के भीतर कई नव विवाहिताओं ने गंवाई जिंदगी
महराजगंज टाइम्स ब्यूरो :- सदर कोतवाली क्षेत्र के बांसपार बैजौली गांव में 30 जुलाई को नव विवाहिता रेनू का फंदे से लटकता हुआ शव मिला। चार माह पहले उसकी शादी हुई थी। श्यामदेउरवा क्षेत्र के सोहवल गांव में 19 जुलाई को आरती नाम की विवाहिता काल के गाल में समा गई थी। उसका भी शव फंदे से लटकता मिला था। 13 माह पहले उसकी शादी हुई थी। घुघली क्षेत्र के नेबुइया महदेवा टोला में अराधना नाम की विवाहिता की मौत हुई। उसकी शादी बीते 24 अप्रैल को हुई थी। इन सभी की मौत के मामले में मायके वालों की तहरीर पर जिले की पुलिस दहेज हत्या में केस दर्ज कर जांच कर रही है। दहेज की बलि वेदी पर चढ़ने वाली रेनू, आरती, अराधना ही नहीं हैं बल्कि उनकी जैसी 58 महिलाओं की दहेज हत्या के आरोप में बीते 31 माह में केस दर्ज हुआ है जिनकी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2022 में दहेज हत्या के 21 मामले सामने आये। वर्ष 2023 में भी दहेज हत्या के आरोप में 21 एफआईआर दर्ज किए गए। इस साल अभी तक जुलाई माह के अंत तक 16 नव विवाहिताओं को दहेज की बलि चढ़ाने के आरोप में केस दर्ज हो चुके हैं। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि दुनिया को शांति का पैगाम देने वाले भगवान बुद्ध के ननिहाल की धरती महराजगंज में हर माह दहेज हत्या के औसतन दो-दो मामले सामने आ रहे हैं। यह चौंकाने वाले आंकड़े हैं। समाजशास्त्री डॉ. मनोज पांडेय का कहना है कि दहेज हत्या सभ्य समाज में किसी कुरीति से कम नहीं है। चिंता वाली बात यह है कि सभी वर्ग में इस तरह की घटना देखने को मिल रही है। पर सामान्य व मध्यम वर्ग की तुलना में कम-पढ़े लिखे परिवारों में इस तरह की घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक है। महत्वाकांक्षा व सामंजस्य की कमी दहेज हत्या का मूल कारणों में से एक है। इस तरह की घटना अनायास ही नहीं होती। पहले इसकी पृष्टिभूमि तैयार होती है। बहुत से परिवार इसको भांप आगे बढ़ कर स्थिति को संभाल लेते हैं। पर कई मामले में सामंजस्य का अभाव दिखता है। इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए परिवार, समाज व रिश्तेदारों को आगे बढ़ना होगा। कानून का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से करना होगा। दहेज उत्पीड़न का मामला आने पर प्रभावी काउंसलिंग होनी चाहिए। साथ ही साथ सबसे जरूरी है कि शादी बिना किसी दबाव की होनी चाहिए। युवक-युवतियों की पसंद-नापसंद को समझना चाहिए। एसपी सोमेन्द्र मीना का कहना है कि दहेज उत्पीड़न के मामले में सदैव प्राथमिकता के आधार पर उचित विधिक एवं प्रभावी कार्रवाई की जाती है।
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